Kavita Jha

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साहित्य ( कविता) लेखनी वार्षिक कविता लेखन प्रतियोगिता -28-Mar-2022

साहित्य
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साहित्य जगत की बात निराली
पढ़ कर मन में आ जाए हरियाली।

सब के हित के लिए लिखा गया इसे
ज्ञान हमारा बढ़ता है पढ़कर जिसे।

इतिहास हमारा दे रहा गवाही 
जाना हमने साहित्य से ही अपना इलाही।

अगर न लिखा गया होता 
तो अंधरकार में ये जग सोता।

धन्य सभी साहित्य कार हैं
नमन उन्हें बारम्बार है।

तुलसी कबीर और बाल्मीकी जी
भक्ति रस दे गए हमें सभी।

हर युग में जन्में साहित्य कार 
जो मर कर भी न मानें हार।

जिंदा है सबके मन में आज
जो कलम से बदलने को निकले थे समाज।

प्रेमचंद ,रविन्द्र नाथ टैगोर और बंकिम चन्द्र जैसे लेखक
कहानी लिखी बनकर समाज का सेवक।

आज भी जब हम पढ़ते उनको
हर शब्दों में नज़र आते हमको।

साहित्य को हम कैसे और निखारें
तकनीकी युग में  आओ विचारें।

ऐसा कुछ लिख जाएंगे
भविष्य में याद हम भी सबको आएंगे।

अपनी कलम चलाएंगे
साहित्यिक कार हम भी बन जाएंगे।

धन्य ये करोना आया
इतिहास रचा यह पाया।

ओनलाइन कवियों की बाढ़ आई
हम भी इसमें बह गए भाई।
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कविता झा ' काव्या कवि'
# लेखनी
# लेखनी वार्षिक कविता लेखन प्रतियोगिता
२८.०३.२०२२

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3 Comments

Swati chourasia

28-Mar-2022 07:04 PM

बहुत ही बेहतरीन रचना 👌

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Sachin dev

28-Mar-2022 03:41 PM

बहुत खूब

Reply

Gunjan Kamal

28-Mar-2022 01:40 PM

बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति 👌🙏🏻

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